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high court news: ह‍िन्‍दू भी और मुसलमान भी नाराज होते अगर… हाईकोर्ट ने ऐसा क्‍यों बोला? जस्‍ट‍िस बोले- इंग्‍ल‍िश फ‍िल्‍मों में तो यह पहले ही हो चुका है

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा क‍ि जब धर्म और विश्वास के मामलों की बात आती है तो देखने में आता है क‍ि असहिष्णुता के मामले बढ़ जाते हैं. जस्‍ट‍िस देवन रामचंद्रन ने मलयालम फिल्म ‘एंटनी’ के एक सीन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याच‍िका में कहा गया था क‍ि फ‍िल्‍म के एक सीन में बाइबल के अंदर बंदूक को द‍िखाया गया है.

बार एंड बैंच की र‍िपोर्ट के अनुसार, जस्‍ट‍िस रामचंद्रन ने टिप्पणी की, क्या हमें इतना असहिष्णु होना चाहिए कि एक पुस्तक के पास होने वाले संदर्भ के लिए भी आपको आपत्ति उठनी चाहिए? भले ही यह एक बाइबल हो, क्या आपको आपत्ति करने के लिए एक नकारात्मक संदर्भ या अर्थ होने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने कहा क‍ि एक सीन में इस्तेमाल किया जाने वाला पवित्र पाठ जो भी हो, लेक‍िन उससे एक पक्ष या दूसरा दुखी होगा.

हाईकोर्ट के जस्‍ट‍िस ने मौख‍िक ट‍िप्‍पणी में कहा क‍ि बाइबल का उपयोग बंदूक को छिपाने के लिए किया जाता है ज‍िसकी वजह से ईसाई दुखी हैं. यदि यह गीता होती, तो हिंदू दुखी हो जाते. यदि यह कुरान होती, तो मुसलमान दुखी हो जाते.

अंग्रेजी फ‍िल्‍मों में पहले से हो रहा है यह
उन्होंने कहा कि इस तरह के सीन 1960 और 70 के दशक से अंग्रेजी फिल्मों में अक्सर द‍िखे गए हैं. जस्‍ट‍िस ने कहा क‍ि एक बाइबल में बंदूक रखना कुछ ऐसा है जो 60 और 70 के दशक में अंग्रेजी सिनेमा में कई बार किया गया है. यह सिर्फ इतना है कि मलयालम फ‍िल्‍मों में अब कर रहे हैं. जस्‍ट‍िस ने यह भी सवाल किया कि याचिकाकर्ता एक बाइबल के साथ ‘क्षणभंगुर दृश्य’ पर आपत्ति क्यों कर रहा? उन्‍होंने कहा क‍ि बाइबल का उपयोग बंदूक को छिपाने के लिए किया जाता है ताकि ईसाई दुखी हों. यदि यह गीता है, तो हिंदू दुखी हो जाएंगे. यदि यह कुरान है, तो मुसलमान दुखी होंगे.

बाइब‍ल वाला सीन पहले ही धुंधला हो चुका : हाईकोर्ट
यह याच‍िका जोजी वर्गीस नाम के शख्‍स ने हाईकोर्ट में दाख‍िल की थी ज‍िसमें मलयालम फ‍िल्‍म एंटनी फ‍िल्‍म की र‍िलीज को चुनौती दी गई थी. जस्‍ट‍िस रामचंद्रन ने कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी दे दी गई है और एक सीन में बाइबल पहले ही धुंधली हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि इस तरह की याचिकाएं केवल उन फिल्म निर्माताओं को ही फायदा होगा जो अपनी फिल्म की पहुंच को बढ़ाने के लिए प्रचार, नकारात्मक प्रचार या अन्यथा का उपयोग कर सकते हैं. जस्‍ट‍िस ने कहा क‍ि केवल फिल्म निर्माताओं को इस याचिका से लाभ होगा. क्‍या उन्होंने आपको यह याचिका दायर करने के लिए कहा है? यह फिल्म क्या है? एंटनी? क्या किसी ने यह फ‍िल्‍म देखी है? इस फिल्म की पहले ही सेंसर बोर्ड द्वारा जांच की जा चुकी है. हालांकि, जस्‍ट‍िस रामचंद्रन ने अदालत में फिल्म के आपत्तिजनक हिस्से को देखने के लिए सहमति व्यक्त की है. इस मामले में अब कोर्ट आगे सुनवाई करेगा.

Tags: Kerala High Court

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